अहिल्याबाई होल्कर की राष्ट्र भक्ति को शत शत नमन!
(300 वीं जंयती- 31 मई, 2025 पर विशेष)
अहिल्याबाई होल्कर का जन्म 31 मई 1725 को हुआ था।
उनका जन्म महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के चौंडी गाँव में एक मराठा कुर्मी परिवार में हुआ था। वे अपने न्यायप्रिय शासन, धार्मिक सहिष्णुता और मंदिरों के पुनर्निर्माण कार्यों के लिए प्रसिद्ध हैं। अहिल्याबाई होल्कर ने मालवा राज्य (वर्तमान मध्यप्रदेश) की रानी के रूप में उल्लेखनीय प्रशासन किया।
संत-सम्राज्ञी, पुण्य-श्लोका,
तेजस्विनी- माॅ अहिल्या!
जिसने चहुं ओर भारत का,
हर एक धाम था सजा दिया।
उत्तर से दक्षिण तक हर मंदिर,
हर प्राचीर को बना दिया।
गंगा-जमुना-गोदावरी के तट पर,
घाटों के संग सुंदर बना दिया।
शस्त्र-शास्त्रों की वह ज्ञाता,
दुर्गा-लक्ष्मी-सरस्वती की साधक,
जन-जन के घर-घर में जिस ने,
सुख-समृद्धि का डंका बजा दिया।
कुशल योद्धा और शासक,
कुशाग्र बुद्धि और कर्मठ,
बनकर महारानी भी महलों की,
जिस ने.. सुख साधन न ग्रहण किया।
स्वयं जीवन जिया सादा सा,
प्रजा को सुख समृद्धि ऐश्वर्य दिया।
संघर्षों में दुःख सह कर,
प्रतिदिन नव संकल्प लिया।
केदारनाथ-रामेश्वरम,
हो मथुरा या वृंदावन,
जगन्नाथ पुरी क्या सोमनाथ,
ओंकारेश्वर में ज्योतिर्लिंग,
विश्वनाथ से काशी भी सजा दिया।
मां गौतमा और मल्हार राव की-
पुत्र वधू ने कर्मठ रानी बनकर,
विफल किए षड्यंत्र सब,स्व-विवेक से,
राजनीति का ध्येय अर्थ था सिखा दिया।
जलाशय बने खलिहानों में,
वैभव बढ़ा किसानों में,
लुटेरों ने छोड़ा लूटना-
समर्पण बढ़ा संतानों में,
इंदौर सर्वत्र महका दिया।
ऐंसी-
दैवीय माॅ अहिल्याबाई होल्कर की,
राष्ट्र भक्ति को शत-शत नमन!
जिसने भारत मां की संतति को,
अपने राष्ट्र धर्म से गौरवान्वित किया।।
रोहतक, हरियाणा
9991186186